ऐसै है रत्तिनाथ दयालु; महिमा वरणी न जावैजी
ऐसै है रत्तिनाथ दयालु; महिमा वरणी न जावैजी,
बड़ा भाग है उस नर का जो सतगुरु किरपा पावै जी ।।
जन्म मरण का फंद छुड़ावै, अमर राह बतलावें जी,
निराकार साकार दरसावै, सदा ज्ञान समझावै जी ।।
तत्व ज्ञान का तत्व निराला, धनगुरू आप लखावै जी
राईके औलै पर्वत्त को, गुरांसा भेद बतावै जी
बऊ धाम रज मस्तक धारे, विपदा नही सतायै जी ,
ज्ञान भक्ती बेराग गुरु कै, आशीर्वाद सँ आवैजी ।।
भरम नी'द मं सूत्यों रैं हंसलो, धनगुरू आय जगावै जी,
भव से पार करो जी दयालू, सखिया मंगल गावैजी ।।
बौल नाथजी महाराज कीं जय
बौल बऊ धामकीं जय
बौल बाबौजी रतिनाथ जी महाराज की जय
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