Friday, 10 July 2020

Nahi to Puchhane re Bira | नही तो पीछाने रे बीरा ओ जी थारा दुर्बल बहुत शरीरा

नही तो पीछाने रे बीरा ओ जी थारा दुर्बल बहुत शरीरा,



नही तो पीछाने रे बीरा ओ जी थारा दुर्बल बहुत शरीरा,

ना तन देखे पूरी अयोध्या ,
ना सरयू के तीरा ।
ना  तन देखे हो संग राम के
 है कोई छल गीरा । 1 ।

सो योजन मरजाद सिंधु की
 किस विद्य उतरयो तीरा ।
 इस नगरी में राक्षस जबर है
 किण् विध धारयों धिरा ।2।

लंका कूद विलंका कुदयो, 
उतरयो सागर तीरा ।
मार छलांग गिरी से लांघे ,
में हनुमत बलबीरा ।3।

सेतु बांध रामेश्वर थरप्यो, 
चढ़े राम रणधीरा ।
 तुलसीदास धरे धीर जानकी
 आप चड्डे रघुवीरा ।4।

Bhajan : Nahi to Puchhane re Bira | नही तो पीछाने रे बीरा ओ जी थारा दुर्बल बहुत शरीरा

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