Friday, 10 July 2020

Meethi Murali Bajave re | मीठी मुरली बजावे रे गोकुल की कांकड़ में सांवरो गाय चराव रे

यो तो मीठी मुरली बजावे रे गोकुल की कांकड़ में सांवरो गाय चराव रे ।।



यो तो मीठी मुरली बजावे रे गोकुल की कांकड़ में सांवरो गाय चराव रे ।।
गाय चरावे रे सांवरो ,बेल चरावे,,,

काली काली कामली रे झुग्गी घेर घुमेर
केसरिया तो घाबा लटके बंके च्यारू मेर
यो तो छोरां न टरकावे रे 1

पूतना ने बो मारी रे बालपणे क माय ।
वृन्दावन म रास रचावे
सब सखियाँ के साथ
यो तो ऐडी कड़ मचकावे रे 

नन्द महर को लाडलो रे
यो कुबध्या की है खान
आती जाती गुजरयाँ पा मांग दही को दान 
यो तो लूटम खोंस मचावे रे 

मामा कंस न जाय पछाड्यो मथुरा जी के माय ।
भेरुराम सुणावन लाग्यो, भरी सभा क माय ।
यो तो नई नई राग सुणाव रे 

Bhajan: Meethi Murali Bajave re | मीठी मुरली बजावे रे गोकुल की कांकड़ में सांवरो गाय चराव रे

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