Friday, 10 July 2020

Maryada Bigad gayi Iyan Ki | मर्यादा बिगड़ गयी झ्यान कि

मर्यादा बिगड़ गयी झ्यान कि



मर्यादा बिगड़ गयी झ्यान कि
कलयुग ने मचा दिया रोला

पेली ब्राह्मण होया करता वेद बांच कर सोया करता
अब फीर गलियों में भटकता, फिरता पैसा मांगता
बे गाव राग चौबोला....

पेली क्षत्रिय होया करता घेरी गाय मोडया करता
सिर दुश्मन को फोड़या करता लड़ता छाजूदार से
अब लेण लाग गया ओला....

बैठ बणियाँ अकल बिचारी घर की हाट बणाली न्यारी
हळदी,धनियां,लूण,सुपारी तौले डांडी मार के
बे बण बैठ्या घट तोला....

कह दोराणी सुण ए जिठानी तू ही पिसल्या भरल्या पाणी
में तो घर बैठी रहूं स्याणी, तू रह मेरी टैल म
ना काढूं र जेठ से ओला....

कह सुखीराम सुणो भाई चेलो भरी सभा म मारयो हैलो
सुफल काम को लेल्यो गेलो भजन करो भगवान 
नर मत कर झूठा रोळा....
कलयुग ने मचा दिया रौला

Bhajan:  मर्यादा बिगड़ गयी झ्यान कि कलयुग ने मचा दिया रोला | Maryada Bigad Gayi Iyan ki

No comments:

Post a Comment