आनन्द के लुटे खजाने,
आनन्द के लुटे खजाने,
आनन्द के लुटे खजाने,
कोठी बंगले कारो की
कमी नही ह् उनके पास में
एक पल की फुर्सत नाही
जीवन के व्यहार में
धन में सुख देखने वालों
धनवानों से पूछ लो
वो भी यु कहते ह्
हम सुखी नही संसार में
भाई बन्धु कुटुंब कबीला
जितना बड़ा परिवार ह्
देखे रोज कचहरी
आपस की तकरार में
ना सुख घर में रहने से
ना सुख बन में जाने से
गुरु भोला नाथ समझावे
सुख ह् आत्म विस्वास में
Bhajan : आनन्द के लुटे खजाने | Anand Ke Lunto Khajane Mhare Satguru ke Darbar mein
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