बोलै नारी सुणो पियाजी
बोलै नारी सुणो पियाजी, मानो म्हारी बात द्वारका थे जाओ।
थे जावो पिव, थे जावो, थे जावो, पिव थे जावो॥टेर॥
माल उधारो मिलै नहीं पिव, मुश्किल दाणै दाणै की।
दोय वक्त मँ एक वक्त थारै बिद लागै है खाणै की॥
मीठी निकलै भूख पिया, थारा दुर्बल हो गया गात-द्वारका थे जाओ॥1॥
आन गरीबी आ घेरी, बरतण ना फूटी कौड़ी।
तन का वस्त्र फाट गया पिव, फाटेड़ी चादर ओडी॥
सियां मरता फिरो, रात, दिन दे काखां मँ हाथ-द्वारका थे जाओ॥2।
जाकर भेंट करो प्रभु सँ पिव, मन मँ काँई आँट करो।
अपने दिल की बात प्रभु सँ कहता काँई आँट करो।
सारी बातां सामर्थ म्हारा देवर है बृजनाथ-द्वारका थे जाओ॥3॥
मोहन कहे मत भूलो प्रभु नै याद करो च्यार घड़ी।
लख चौरासी फिर आई, या चौपड़ गन्दैस्यार पडी॥
मोहन कहे या रीत प्रभु की दे दुर्बल नै साथ-द्वारका थे जाओ॥4॥
Song:
Mast bhajan very emotional, when I song this bhajan ,tears comes from my eyes but why I don't know
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