Saturday, 11 February 2017

Satguru Saheb Banda Ek hai Ji | सतगुरु साहेब बंदा एक है जी


सतगुरु साहेब बंदा एक है जी
सतगुरु साहेब बंदा एक है जी
भोली साधुडा से किस्योड़ी भिरांत म्हारा बीरा रे
साध रे पियालो रल भेला पिव जी
धोबिड़ा सा धोव गुरु का कपडा रे 
कोई तन मन साबण ल्याय म्हारा बिरा रे
तन रे सीला रे मन साबणा रे
ये तो मैला मैला धुप धुप जाय म्हारा बिरा रे
काया रे नगरिये में आमली रे
ज्या पर कोयालड़ी तो करे र किलोल
कोयलडया रे शबद सुहावना रे
बे तो उड़ उड़ लागे गुरु के पाँव म्हारा बिरा रे
काया रे नागरिये में हाटडी रे
ज्या पर बिणज करे साहूकार म्हारा बिरा रे
कई तो करोड़ी धज हो चल्या रे
कई गया ह जमारो हार म्हारा बिरा रे
सीप रे समन्दरिये में निपजे रे
कोई मोतिड़ा तो निपजे सीपा माय म्हारा बिरा रे
बूंद रे पड़ रे हरी के नाम की रे
कोई लखियो बिरला सा साध म्हारा बिरा रे
सतगुरु शबद उचारिया रे
कोई रटीयो साँस म साँस म्हारा बिरा रे
देव रे डूंगरपुरी बोलिया रे
जांका सत अमरापुर बास म्हारा बिरा रे
कृष्णं वन्दे जगत गुरुं
Song:

Satguru Saheb Banda Ek hai Ji | सतगुरु साहेब बंदा एक है जी

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