मेवाड़ी राणा, भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी।
उदयपुर राणा, भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
थारो तो राम म्हानै बतावो, नहीं तो फकीरी थारी झूठी॥1॥
म्हारो तो राम राणाजी घटघट बोलै, थारै हिये की कियाँ फूटी॥2॥
सास नणद दोराणी, जिठाणी, जलबल भई अंगीठी॥3॥
थे तो साँवरिया म्हारै सिर का सेवरा, म्हें थारै हाथकी अंगूठी॥4॥
सँकडी गली मँ म्हानै गिरधर मिलियो, किस बिध फिरुँ मैं अपूठी॥5॥
बाई मीरा के प्रभु गिरधर नागर, चढ़ गयो रंग मजीठी॥6॥
Song:
bhartiye sanskriti ke liye shri nath ji maharaj ka sajag kadam
ReplyDeletejAI SHREE NATH JI MAHARAJ
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