Saturday, 11 February 2017

Man Mast Hua Fir Kya Bole | मन मस्त हुआ फिर क्या बोले


 मन मस्त हुआ फिर क्या बोले

मन मस्त हुआ फिर क्या बोले
सूरत कलाळी भई मतवाली
मदवा पी गयी बिन तोले
हीरो पायो गांठ गठायो
बार बार बांको क्यों खोले
हल्की थी तब चढ़ी तराजू
पूरी भई बांको क्यों तोले
हंसा पायो मानसरोवर
ताल तलैय्या क्यों डौले
तेरा सायब है तुझ माही
बाहर नैना क्यों खोले
कहत कबीर सुनो भाई साधो
साहेब मिल गये तिल तोले

जय श्री नाथ जी की
Song:

Man Mast Hua Fir Kya Bole |  मन मस्त हुआ फिर क्या बोले

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