Sunday, 8 January 2017

Mangal Ki Mool Bhawani Sharna Tera Hai | मंगल की मूल भवनी शरणा तेरा है


मंगल की मूल भवनी शरणा तेरा है,
शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥टेर॥

मैया है ब्रह्मा की पुतरी, लेकर ज्ञान सवर्ग से उतरी,
आज तेरी कथा बनाय देई सुथरी, प्रथम मनाया है ॥1॥

मैया भवन बणा जाली का, हार गूंथ ल्याया है माली का,
हो ध्यान घर कलकत्ते वाली का, पुष्प चढ़ाया है ॥2॥

मैया महिषासुर को मर्या, अपने बल से धरण पछाड्या,
हो हाथ लिये खाण्डा दुघारा, असुर संघार्या है ॥3॥

कहता शंकर जटोली वाला, हरदम रटे गुरां की माला,
हो खोल मेरे हृदय का ताला, विद्या बर पाया है ॥4॥

Song: मंगल की मूल भवनी शरणा तेरा है,





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