Sunday, 8 January 2017

Aav Sakhi Dekha Ganpat Lyrics | आव सखी देख गणपत घूम है

आव सखी देख गणपत घूम है ॥टेर॥  

लम्बी सूँड मतवाला जी  घृत, सिन्दुर थार मस्तक सोहे देवा,  
शिव-शक्ति का बाला हो गणपत, देख भया मतवाला जी ॥1॥

राजा भी सुमर थान, परजा भी सुमर है  सुमर है जोगी जटावाला जी । उठ सँवरी दोपहरी तान सुमर देवा, रिद्धि सिद्धि देवणवाला ओ गणपत ॥2॥

ओढ़ पीत पीतम्बर सोहे देवा, गल फूलंडा री फूल मालाजी । सात सखी रल मंगल गाव देवा, बुद्धि को देवण हाला जो गणपत ॥3॥

नात गुलाब मिल्या, गुरु पूरा ,  हृदय में करियो उजाला जी ।भानीनाथ शरण सतगुरु की देवा,खोल्या 
भ्रम का ताला ओ गणपत ॥4॥


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