इण आंगणियै मे ए। कई खेल्या कई खेलसी। कई खेल सिधारया ए
॥टेर॥
आवो पाँच सहेलियो म्हारा सीम दो न चोला ए। मै हूँ अबला सूंदरी, मेरा सहिब भोला ए॥1॥
एक छिनौला, दूजी कूबड़ी, तीजी नाजुक छोटी ए। नैण हमारा यूँ झरे ज्यों गागर फूटी ए॥2॥
जाय उतारै हरिये बड़ तलै, संगी कुरलाया ए। थे घर जाओ भैणा आपणै, म्हे भया पराया ए॥3॥
काजी तो महमद यूँ कया अब यहाँ नहीं रहणा ए। आया परवाना श्याम का, सखी यहाँ से चलणा ए॥4॥
आवो पाँच सहेलियो म्हारा सीम दो न चोला ए। मै हूँ अबला सूंदरी, मेरा सहिब भोला ए॥1॥
एक छिनौला, दूजी कूबड़ी, तीजी नाजुक छोटी ए। नैण हमारा यूँ झरे ज्यों गागर फूटी ए॥2॥
जाय उतारै हरिये बड़ तलै, संगी कुरलाया ए। थे घर जाओ भैणा आपणै, म्हे भया पराया ए॥3॥
काजी तो महमद यूँ कया अब यहाँ नहीं रहणा ए। आया परवाना श्याम का, सखी यहाँ से चलणा ए॥4॥
Jhino Jhino Kajro Bhajan bhi post kijiye
ReplyDeleteझिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,
Deleteतेल रामा लयों केशा में,
पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में.
गगन मंडल में घल्या रे हिंडोला,
रेशम डोर छिटके न्यारी,
सूरत निरत दोन्यू हिंडन बैठी,
झोंटा देवे बाने साँवरो गिरधारी.
झिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,
तेल रामा लयों केशा में,
पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में.
सोहणा वसत्र छोड़ दयो सुहागन,
भगवा वसत्र लयों प्यारी,
भगवा में भगवान बसत है,
बठे तो कटेगी थारि चोरयासी.
झिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,
तेल रामा लयों केशा में,
पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में.
पिवर बसबो छोड़ दयो सुहागन,
सासरिए बस जयवो प्यारी,
सासरिया का लोग भलेरा,
जिन संग मोज़ा है भारी.
झिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,
तेल रामा लयों केशा में,
पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में!!
Jhino Jhino Kajro Bhajan bhi post kijiye
ReplyDeleteNipje nipje re bera nath ji bhajan ke lyrics bhi bhejiye ji
ReplyDelete