Friday, 13 January 2017

Gwalida Tu Koni Jaane Peer Parai | ग्वालिड़ा तू कोनी जाने पिड़ परायी

ग्वालिड़ा तू कोनी जाने पिड़ परायी
पिड़ परायी रे प्रीत परायी

बेठ कदम पर साँवरो बंसी बजायी जी

(रे मेवाड़ी राणा रे) सब गाय न घिर आयी

चोर चोर दही माखन खायो जी

(रे मेवाड़ी राणा रे) ब्रज की नार डराई


जनमत ही कुल त्यारण कहियो जी
(रे मेवाड़ी राणा रे) मात-पिता , गुरु भाई

राजा माधोसिंह जी रा कुवर प्रताप सिंघजी
(रे मेवाड़ी राणा रे)सब मिल सोरठ गाई


बोल कृष्ण चन्द्र भगवान की जय

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