Thursday, 12 January 2017

Sukh Thoda Ghna Jagat Main | सुख थोड़े दुःख घणे जगत में

सुख थोड़े दुःख घणे जगत मँ, भोग्यां कष्ट सरै राणी।किस किस के दुःख दूर करै, या दुनियाँ दुःखी फिरै राणी॥टेर॥

 कीड़ी कण बिन, हाथी मण बिन, नागिण फण बिन दुखिया सै।चकवी मिलन बिन, बाँझ जणन बिन, सती सजन बिन दुखिया सै। केहरी बन बिन, सूरा रण बिन, भुखा अन बिन दुखिया सै।विषय भोग बिन, इन्द्री मन बिन, कंगला धन बिन दुखिया सै। पंछी गगन बिन दुखिया सै जो पिंजरै आन घिरै राणी॥1


मात कुलछणी, मुरख बेटा, फूवड़ नारी दुःखी करै।बाप कै मौसी, बुरा पड़ोसी, ओछी यारी दुःखी करै चुगली चर्चा, जुआ जामनी, चोरी जारी दुःखी करै।पट पर खेती, फसल पछेती, कोढ़ी क्यारी दुःखी करै। गुप्त बिमारी दुखी करै जब चिन्ता चित्त चरै राणी॥2

 खेत उगाला माह मँ पाला, खुण्डा फाला दुःखी करै।भीत मँ आला, पछीत मँ खाला, घर मँ साला दुखी करै। थोथा नाला दे काढ़ दिवाला, बिगडूया ताला दुखी करै।दाल मे काला, पाँव मँ छाला, आँख मँ जाला दुखी करै। खर्च कुढाला दुखी करै, यो कर्जा दुखी करै राणी॥3

बालू की भींत, नीच की बस्ती, गाल मचोड़ा दुखी करै।कड़वो भैंस बोलणी ऊँटणी, बैल लतोड़ा दुःखी करै। मंजिल दूर की, बोझ घणा हो, जाथर थोडा दुखी करै।खोरी झोटाँ, साँड़ मारणा, अड़ियल घोड़ा दुखी करै। रग पर फोड़ा दुखी करै, यो फूटै और भरै राणी॥4


गरीब सताना, रोब जमाणा, क्रोध जगाणा दुखी करै।मैला सा बाणा लागै लाणा, गाँव मँ थाणा दुखी करै। गलती मँ आणा, स मँ उलाणा, बैर पुराणा दुखी करै।ज्यादा खाणा, पैदल जाणा, दूर सिमाणा दुखी करै। सुर बिन गाणा दुखी करै, यो न्यु जगदीश डरै राणी॥5




1 comment: